शनिवार, 22 दिसंबर 2018

सब कुछ खत्म होने की घड़ी

वर्णमाला केआखिरी अक्षर के कैद होने तक

इंतज़ार करना तुम

या फिर पाब्लो नेरुदा को पढ़ते रहना

उसके उद्धरणों को विमर्श के मंचों पर धकेलते रहना

करना अपनी विद्वता पर गर्व

फूलकर जमीन से ढाई इंच ऊपर उठ जाना

वही आखिरी घड़ी होगी

जब तुम लटका दिए जाओगे

इतिहास के धूसर पन्नों में रह जाएँगे

तुम्हारे छटपटाते पाँव।

धरती की आखिरी लड़की के रौंदे जाने तक

तुम बाँसुरी बजाते रहना

या सिमोन द बुआर के 'सैकेण्ड सैक्स' में डूबकर

लाना कुछ फैमिनिज्म के मोती

आक्रोश और ओज का छौंक लगाना कवि सम्मेलन के मंचों पर

जब खबर छपेगी उस आखिरी लड़की की

तब तुम मर जाओगे

हाथों में मोमबत्तियाँ लिए तुम्हारी लाश

खड़ी होगी शहर के चौराहे पर।

केटी
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ज से जीवन

हम पढ़ाते हैं उन्हें

क से कबूतर

और वे बन जाते

क से किसान

म से मजदूर

ब से बेरोजगार

या कोई कोई ड से डाॅन भी।

काश हम उन्हें पढ़ाते कुछ और

सिखाते ज से जीवन जीना।

...

पर क्या ये हमें भी आता है...!

केटी
****