उड़ान …!
मन पंछी व्याकुल
उड़ना चाहे
पर फैलाए
नभ को नापे।
प्राण प्रफुल्लित
तन मस्ताना
मन आनंदित
रहना चाहते हर पल हर पल ।
ए आसमान!
विलीन हो जाऊँ
तुझी में किसी दिन
रह जाए शेष
केवल बस उड़ान ।
मन पंछी व्याकुल
उड़ना चाहे
पर फैलाए
नभ को नापे।
प्राण प्रफुल्लित
तन मस्ताना
मन आनंदित
रहना चाहते हर पल हर पल ।
ए आसमान!
विलीन हो जाऊँ
तुझी में किसी दिन
रह जाए शेष
केवल बस उड़ान ।
nice one...
जवाब देंहटाएंChanchal man hai jiski udan kbhi samapt nhi hoti har pal wo ek nayi udan bharne ko taiyar ho jata hai or unchaiyon ko chune ka prayas krta rehta hai ......
जवाब देंहटाएंमन शायद उड़ान का ही दूसरा नाम है।
हटाएंSahi he. Man Udan ka hi dusra nam he.
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