सुनो तो,
उस रोज मैं ये कहना भूल गया था
जिस रोज पहना था तुमने वो लाल सूट
कानों में डाले थे काले झुमके
काली ही डायल की घड़ी कलाई पे सजा
सफेद संगमरमर की सीढ़ियों पर बैठ
गहरी आँखों से देखा था मुझे,
उस रोज..... हाँ उस रोज
मैं ये कहना भूल गया था
कि तुम्हारा यूँ देखना गहरी आँखों से
देखने से ज्यादा
कहना लगा था मुझे,
पर मैं कह नहीं पाया उस रोज।
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