मन की धारा ...... जैसी भी बह निकली ...... कुछ कविताएं, कुछ कहानियाँ, कुछ नाटक ........ जो कुछ भी बन गया ........ मुझे भीतर तक शीतल कर गया ......
ज़िन्दगी की खूबसूरती
छुपी होती है पलों में
स्मृतियों के संदूक में
सहेज कर रखना
खूबसूरत पलों को
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें