मंगलवार, 10 सितंबर 2019

संकल्प

संकल्प
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प्रेम गीत रचा जाएगा

किन्तु उससे पहले सुननी होगी

युद्ध की दास्तान

झेलने होंगे अनेकों घाव।

युद्ध के लिए

करने होंगे पार न जाने कितने बीहड़

क्रान्ति के आखर माँडते हुए

रंगने होंगे न जाने कितने आँगन

कितने नुक्कड़ों पर गुँजाने होंगे आह्वान के गीत

बजाते हुए डफ, मिलाते हुए ताल।

हर चीज मिट जाए

पर यह संकल्प जिन्दा रहेगा

कि कुछ भी हो जाए ऐ दोस्त!

ये सफर तय किया जाएगा

और आखिर एक दिन

प्रेम गीत रचा जाएगा।

केटी
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