बुधवार, 28 जुलाई 2021

चिन्ता

गांव का पुराना घर नया हो गया

देसावर में पैसा कमा बरसों बाद बेटा घर आया

मिट्टी के कैलूड़े वाले छपरे की जगह चमचमाता टिन-शेड पड़ा

गारे और गोबर से लिपा आंगन खोद सफेद झक मार्बल की टाइलें लगीं

मूंज के माचे के पास चार सफेद प्लास्टिक की कुर्सियां,

ऐसे ही जाने और क्या क्या हुआ

घर बदल गया पूरा का पूरा।

बेटा गर्व से तणका हो कभी बाहर से निहारे कभी भीतर से

जागण दिलवाया, भैरूजी को पूजा और जीमण किया।

बींदणी, टाबर-टोली, यार-दोस्त सब राजी

पर डोकरा उदास, अबोला खिसियाता बार बार एक ही बात सोचे

"आंगणा में टाइलाॅं तो बिड़ाय दी पण डोकरी ने चेतो रेवे कोनी,

कदेई पड़ जाई तो कोजी होई!"

केटी
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